Top Guidelines Of Parinaam Ki Duniya

of Patanjali” and is referred to as the transformation which will take area when one particular is leaving a period get more info of suffering or dukha.

गरीबी मापने में संपत्ति की स्थिति भी महत्वपूर्ण है। यह दर्शाता है कि किसी के पास कितनी संपत्ति या मौद्रिक संपत्ति है, जिसमें उनकी धन प्राप्ति का स्तर भी शामिल है।

प्राचीन रोमन एवं यूनानी साहित्‍य का पुनरुत्‍थान– सांस्‍कृतिक पुनरुत्‍थान की विशेषता यह थी कि नवीन जागरण से यूरोप में रोमन और यूनानी साहित्‍य का अध्‍ययन हुआ। मध्‍य युग में प्राचीन साहित्‍य का अध्‍ययन हुआ,लेकिन मध्‍ययुगीन विद्वानों का दृष्टिकोण अत्‍यन्‍त सीमित और सं‍कुचित था। वे कैथोलिक सिद्धान्‍तों पर ज्‍यादा जोर देते थे। मध्‍य युग में प्राचीन साहित्‍य को मूल शुद्ध रूप में प्रस्‍तुत नहीं किया गया। इस युग में लेटिन लेखक वर्जिल, सिसरों और सीजर थे। आधुनिक युग में यूनानी ग्रन्‍थों का अनुवाद किया गया जिसमें अरस्‍तू और प्‍लेटों आदि यूनानी लेखक लोकप्रिय थे।

ईस्ट इंडिया कंपनी ने अब तक हमेशा बंगाल में अपने व्यापार की मात्रा बढ़ाने का प्रयास किया था। प्लासी की लड़ाई के बाद उन्होंने बंगाल में व्यापार का एकाधिकार स्थापित किया।

मुख्य परीक्षा (वर्षवार) मुख्य परीक्षा (विषयानुसार) वीडियो सेक्शन मेन्स (जी.एस.) डिस्कशन

प्रथम विश्व युद्ध के बाद भारत में क्रांतिकारी आंदोलन

The actress shares her feelings on information on television shows, her comeback right after five decades and becoming a mother.

बेरोजगारी के कारण गरीबी बढ़ सकती है, क्योंकि लोग उचित रोजगार के अवसरों से वंचित हैं।

विगत वर्षों के प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन (प्रारंभिक परीक्षा)

पुनर्जागरण के कारणों का उल्‍लेख कीजिए।

साक्षरता कार्यक्रम गरीबों को शिक्षा की ओर मोड़ने में मदद कर सकते हैं। सरकार को गरीबों और वंचित वर्गों के लिए साक्षरता कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

सिराजुद्दौला इस अत्यंत कठिन समय में साहस और दृढ़ संकल्प नहीं दिखा सके। वह षड्यंत्रकारियों को दबाने के बजाय उनसे गुहार लगाता रहा। सारी व्यवस्था की जा रही थी, अंग्रेजों ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में सिराजुद्दौला के खिलाफ मार्च किया। क्लाइव ने आरोप लगाया कि सिराजुद्दौला ने अलीनगर की संधि की कुछ शर्तों का उल्लंघन किया है। हालाँकि, यह सच नहीं था।

सांस्‍कृतिक पुनरुत्‍थान या पुनर्जागरण ऐतिहासिक दृष्टि से मानव सभ्‍यता को ऊँचा उठाने वाला था। इस पुनर्जागरण काल में मनुष्‍य को स्‍वतंत्र रूप से विचार करने का अवसर मिला व्‍यक्तिगत स्‍वतंत्रता और आत्म ज्ञान पुनर्जागरण के ही परिणाम है

वैज्ञानिक अन्‍वेषण- सांस्‍कृतिक पुनरुत्‍थान के कारण नवीन सिद्धान्‍तों का प्रतिपादन हुआ। यूरोप मेंनवीन वैज्ञानिक खोजों पर ध्‍यान दिया गया। तेरहवीं शताब्दी में इंग्लैण्‍ड के वैज्ञानिक रोजर बेकन ने ‘प्रायोगिक विज्ञान’ की नींव रखी। इसके कारण यूरोपीय समाज में प्रगतिशीलता आयी। यूरोप के साहसी नाविकों द्वारा नवीन जलमार्गो की खोज हुई। लोग नई दुनिया मे जाकर बस गये।

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